PM Vishwakarma Yojana 2024 (भारत सरकार का प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना) हाल ही में भारत सरकार की तरफ से एक नई योजना की शुरुआत की हुई है जिस योजना का पूरा नाम पीएम विश्वकर्मा कौशल सम्मान योजना है। इस योजना में लोगों को व्यवसायिक प्रशिक्षण दिया जाता है और इसके साथ ही लोगों को 500 रुपया प्रतिदिन दिया जाता है। इसके साथ ही उन्हें खुद का व्यवसाय के लिए व्यवसाय का सामान खरीदने के लिए 15,000 रूपए भी भारत सरकार की तरफ से जाते है जो रुपए सरकार पुनः नहीं लेती है।
जो भी भारत सरकार की योजना के अंतर्गत लोग अपना स्वयं का उद्योग लगाना चाहते हैं उन्हें भारत सरकार 3 लाख रूपए तक का लोन मुहैया (provide) करेगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के द्वारा प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना की शुरुआत की गई है जिसमें लाभार्थी को 3 लाख 15 हजार रूपए तक का लाभ पहुँचाया गया है।
इस योजना में केंद्र सरकार द्वारा लोगों के बैंक खातों में 15000 रूपये ट्रांसफर कर दिए जाते है और 3 लाख रूपए का लोन भी दिया जाता है। हाल ही में प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने विश्वकर्मा कौशल सम्मान योजना की शुरुआत की है
प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना (PM Vishwakarma Yojana) भारत सरकार की एक प्रमुख योजना है जो पारंपरिक कारीगरों और शिल्पकारों के आर्थिक और सामाजिक सशक्तिकरण के लिए शुरू की गई है। इस योजना का उद्देश्य इन कारीगरों को वित्तीय सहायता, कौशल विकास, और अन्य लाभ प्रदान करके उनकी उत्पादकता और जीवन स्तर को सुधारना है। यहाँ इस योजना के कुछ प्रमुख पहलुओं का विवरण दिया गया है:
Table of Contents
संक्षेप विवरण PM Vishwakarma Yojana 2024 का
योजना का नाम :-
Pradhan Mantri Vishwakarma Yojana 2024
इस योजना को शुरू किया गया
केंद्र सरकार के द्वारा
Beneficiary
विश्वकर्मा समुदाय की सभी जातियों के लोग
Budget
13000 करोड़ रु के बजट का प्रावधान
इस योजना के लाभ
कौशल प्रशिक्षण एवं आर्थिक सहायता
इस योजना के उद्देश्य
बेरोजगारी दूर करना
Apply Mode
ऑनलाइन / ऑफलाइन
Who Can Apply?
देश के सभी शिल्पकार या कारीगर
आधिकारिक वेबसाइट(official website)
अब जाने प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना क्या है पूरी जानकारी के लिए अंत तक बने रहे
PM Vishwakarma Yojana में लोगों को व्यावसायिक प्रशिक्षण प्रदान किया जाएग,साथ ही उन्हें ₹500 हर दिन के हिसाब से भत्ता भी प्रदान किया जाएगा। इसके साथ ही उन्हें काम किस्तों पर ₹3,00,000 तक का लोन दिया जाएगा। वैसे तो केंद्र सरकार द्वारा कई सारी जनकल्याणकारी योजनाएं चलाई जाती है लेकिन यह योजना कुछ ज्यादा ही खास है क्योंकि इस योजना में आपको फ्री में 15000 रूपये दिए जाएंगे।
पीएम विश्वकर्मा योजना वैसे लोगो के लिए है जो लोग गरीब होते हुए भी रोजगार करने में इच्छुक है उन्ही को ऊपर उठाने के लिए बनाई गई है, इसके साथ ही उनके पास कोई काम है या उनके पास कोई कला है जैसे मूर्ति बनाना आदि तो वह इससे अपना उद्योग भी शुरू कर सकते हैं जिसके लिए सरकार पूरे 3 लाख रुपए का ऋण उपलब्ध करवाएगी।
अगर गरीबो के पास कोई कला या skill सीखकर अपना उद्योग लगाना चाहते हैं तो उनको सरकार की तरफ से कौशल प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा।इसके साथ ही स्वयं का उद्योग शुरू करने के लिए 3 लाख रूपए तक का loan दिया जाएगा, पीएम विश्वकर्मा योजना में प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले लोगों को सरकार की तरफ से एक सर्टिफिकेट भी दिया जाएगा। इस योजना में बढ़ई, दर्जी, टोकरी बुनने वाले, नाई, सुनार, लोहार, कुम्हार, हलवाई, मोची जैसे मजदुर एवं आर्थिक रूप से कमज़ोर लोगो को आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी।
क्या है प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना का उदेश्य
आर्थिक सहायता: कारीगरों को उनके कार्यों के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करना।
कौशल विकास: कारीगरों और शिल्पकारों को नवीनतम तकनीकों और तरीकों में प्रशिक्षित करना।
बाजार संपर्क: उनके उत्पादों को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय बाजारों में पहुँच प्रदान करना।
सामाजिक सुरक्षा: कारीगरों के लिए बीमा और पेंशन जैसी सामाजिक सुरक्षा सुविधाओं का प्रावधान।
क्या है प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना का प्रमुख लाभ
वित्तीय सहायता: कम ब्याज दरों पर ऋण, अनुदान और सब्सिडी प्रदान की जाती है।
प्रशिक्षण कार्यक्रम: विभिन्न कौशल विकास कार्यक्रमों के माध्यम से आधुनिक तकनीकों का प्रशिक्षण।
मूल्य संवर्धन: उत्पादों के डिज़ाइन और गुणवत्ता में सुधार के लिए समर्थन।
बाजार संपर्क: मेलों, प्रदर्शनियों और ऑनलाइन प्लेटफार्मों के माध्यम से कारीगरों के उत्पादों को बेचने के अवसर।
प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना लाभार्थियों का चयन
प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना मुख्य रूप से उन पारंपरिक कारीगरों और शिल्पकारों को लक्षित करती है जो निम्नलिखित कार्यों में संलग्न हैं
- बढ़ई (कारपेंटर)
- लोहार (ब्लैकस्मिथ)
- सुनार (गोल्डस्मिथ)
- कुम्हार (पॉटर)
- जुलाहे (वीवर)
- दर्जी (टेलर)
- रंगरेज (डाइंग एंड प्रिंटिंग)
- मोची (कोबलर)
- और अन्य पारंपरिक हस्तशिल्प कारीगर
योजना की शुरुआत
यह योजना विभिन्न मंत्रालयों और सरकारी एजेंसियों के समन्वय से चलाई जाती है। इसमें प्रमुख भूमिका सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय (MSME) निभाता है। इसके अलावा, राज्य सरकारें भी इस योजना को लागू करने में सहयोग करती हैं।
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प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना लाभार्थियों का आवेदन प्रक्रिया
पंजीकरण:
1.लाभार्थियों को सरकार द्वारा नामित पोर्टल पर पंजीकरण करना होता है।
2.पंजीकरण के दौरान कारीगरों को अपने कार्य और कौशल का विवरण देना होता है।
प्रमाणन:
1.पंजीकरण के बाद कारीगरों का कौशल और कार्य का प्रमाणन किया जाता है।
2.प्रमाणन के लिए विभिन्न स्तरों पर परीक्षण और मूल्यांकन किया जाता है।
सहायता:
1.प्रमाणित कारीगरों को वित्तीय सहायता, प्रशिक्षण, और अन्य लाभ प्रदान किए जाते हैं।
2.योजना के तहत आने वाले विभिन्न कार्यक्रमों और लाभों की जानकारी दी जाती है।
निष्कर्ष:-
प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना का मुख्य उद्देश्य पारंपरिक कारीगरों और शिल्पकारों को आर्थिक और सामाजिक रूप से सशक्त बनाना है। यह योजना उनके कौशल का विकास करने, बाजार में उनकी पहुँच बढ़ाने, और उन्हें आवश्यक वित्तीय सहायता प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। इस योजना के माध्यम से भारत के पारंपरिक हस्तशिल्प और कारीगरी को संरक्षित और प्रोत्साहित करने का महत्वपूर्ण प्रयास किया जा रहा है।
प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना (PM Vishwakarma Yojana) के तहत कारीगरों और शिल्पकारों को वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए विभिन्न प्रकार के लोन और सब्सिडी की व्यवस्था की गई है। लोन की राशि और शर्तें लाभार्थी के व्यवसाय और उसकी आवश्यकता के अनुसार भिन्न हो सकती हैं। यहाँ कुछ प्रमुख बिंदु दिए गए हैं
लोन की राशि और शर्तें
लघु ऋण (Micro Loans):
प्रारंभिक चरण के कारीगरों के लिए छोटे लोन उपलब्ध हैं।
लोन की राशि: 50,000 रुपये तक।
ब्याज दर: सरकारी सब्सिडी के कारण कम ब्याज दर।
मध्यम ऋण (Small and Medium Loans):
कारीगरों और शिल्पकारों के व्यवसाय को विस्तार देने के लिए मध्यम लोन उपलब्ध हैं।
लोन की राशि: 50,000 रुपये से 5 लाख रुपये तक।
ब्याज दर: कम ब्याज दर, सरकारी सहायता के साथ।
बड़े ऋण (Large Loans):
बड़े पैमाने पर उत्पादन और व्यवसाय विस्तार के लिए बड़े लोन उपलब्ध हैं।
लोन की राशि: 5 लाख रुपये से अधिक।
ब्याज दर: कम ब्याज दर, सरकारी सहायता के साथ।
प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना (PM Vishwakarma Yojana) के तहत विभिन्न पारंपरिक कारीगर और शिल्पकार समुदायों के लोग फॉर्म भर सकते हैं। यह योजना विशेष रूप से उन लोगों को लक्षित करती है जो पारंपरिक हस्तशिल्प और शिल्पकारी से जुड़े हुए हैं और अपने कौशल और व्यवसाय को बढ़ाने के इच्छुक हैं।
पात्रता
योजना के तहत फॉर्म भरने के लिए निम्नलिखित कारीगर और शिल्पकार पात्र हैं:
बढ़ई (कारपेंटर):
जो लकड़ी के फर्नीचर और अन्य उत्पाद बनाते हैं।
लोहार (ब्लैकस्मिथ):
जो लोहे और धातुओं से वस्तुएं बनाते हैं।
सुनार (गोल्डस्मिथ):
जो सोने और चांदी के आभूषण बनाते हैं।
कुम्हार (पॉटर):
जो मिट्टी के बर्तन और अन्य उत्पाद बनाते हैं।
जुलाहे (वीवर):
जो कपड़े और वस्त्र बुनते हैं।
दर्जी (टेलर):
जो कपड़े सिलते हैं।
रंगरेज (डाइंग एंड प्रिंटिंग):
जो कपड़ों पर रंगाई और प्रिंटिंग करते हैं।
अन्य पारंपरिक हस्तशिल्प कारीगर:
जो पारंपरिक हस्तशिल्प और शिल्पकारी में संलग्न हैं।